
छाया हो जगत में
आज हम जलाएं प्रेम दीपक दिल के द्वारजिससे प्रकाशित हो ये पूरा संसारजग में अधेरा ना अज्ञानता का वाससब के दिलों में भरे प्रेम का

आज हम जलाएं प्रेम दीपक दिल के द्वारजिससे प्रकाशित हो ये पूरा संसारजग में अधेरा ना अज्ञानता का वाससब के दिलों में भरे प्रेम का

मैंने तुमको पाया जब से एक नया संसार मिलारोम-रोम में खुशियां भर गई जब से तेरा प्यार मिलारोज बसंती पवन चली चारों ओर खुशी का

बिछड़ के दूर तुमसे मैं कभी जो जाऊंगाकरूंगा याद तुमको और याद आऊंगाओठ खामोश ही रह जाएंगे भले लेकिनबनके धड़कन सदा ही दिल में गुनगुनाऊंगाएक

अगर सुन सको तो कहूं मन की बातें ।सुलझा सको तो खोल दूं मन की गांठें ।। तुम्हीं ने कहा था समझदार हो तुम ।सुख-दुख

सागर की तूफानी लहरों में, इक तिनका सहारा है ।।मंजिलें और भी होंगी, कदम मेरा कब हारा है ।। हौसला है तो मंजिल है, मंजिलों

बहुत मन कर रहा है कि आप मुझसे बात करो ।लेकिन मेरी जिद यह है कि शुरुआत भी आप करो ।। आपकी सुलझी बातों से

मत इतना गुमान कर वंदे एक दिन तो मिट जाना है । धन-दौलत, महले दो महले, मिट्टी में मिल जाना है ।। बल, साहस, शक्ति

सुखद-स्वप्निलसरस-सुहानेउम्मीदों भरे वे दिन-खेलने-खाने केगाने-गुनगुनाने केहँसने-हँसाने केगप्पे लड़ाने केबेफिक्र , सुरधनुषीबचपन-यौवन के वे दिनजुदा हो गये ! कहाँ खो गये ! बोझिल-उदासचुप-चुप ,तन्हा-तन्हाबहरे-से ,ठहरे से

तन का मिलना मन का मिलना दिल का मिलना चुपके चुपकेमिलकर दूरी बनी अगर दिल घायल करता चुपके चुपकेशुरुआत प्रेम का जीवन में होता है

न हम होंगे न तुम होगे नहीं कोई गिला होगासिमटती याद का ही फिर यहा पर सिलसिला होगाचलो हंस कर बिता ले जिंदगी को जो