संकल्प की शक्ति
संकल्प की शक्ति अपार, मन के भीतर बहती धार। जीवन की हर कठिन घड़ी में, संकल्प बने दीपक की ज्योति। हर मुश्किल को सरल बना
संकल्प की शक्ति अपार, मन के भीतर बहती धार। जीवन की हर कठिन घड़ी में, संकल्प बने दीपक की ज्योति। हर मुश्किल को सरल बना
बेटियां, चंचल, कोमल, प्यारी सी, घर के आंगन को मेहकाती, फुलवारी सी। चहकती रहती है घर में दिन भर, गौरैया जैसी प्यारी सी। मत छीनो
स्वच्छता है धर्म हमारा, इससे बनता जीवन सारा। घर हो या गलियाँ, साफ रखो, गंदगी को सबसे दूर करो। नदियों में कचरा मत डालो, प्रकृति
जिंदगी का सफर आसान नहीं होता। यहां हर कोई अच्छा इंसान नही होता। अकेले है चलना पड़ता है सब राहों पर, यहां कोई किसी
छोटी सी है मेरी अभिलाषा, छोटा सा घर हो मेरा, ऊपर प्यारा सा नेम प्लेट मेरे नाम का। घर के बाहर बड़ा सा बगीचा
साहित्य बने दर्पण समाज का, अंधेरे मे बने रोशनी की किरण। भावों की बहती गंगा इसमे, जो डूबता तर जाता इसमे, समाज की आत्मा है
विश्व में हो हिन्दी का सम्मान हिंदी है अपनी शान, हिंदी है अपनी पहचान, विश्व में फैलाएँ इसे, यही है अपना अरमान। भाषाओं की रानी
शिक्षक: प्रकाश के समान ज्ञान का दीपक जलाते हैं, अज्ञान का अंधकार मिटाते हैं। जीवन को देते हैं दिशा, सपनों को आकार बनाते हैं। हर
विधि का विधान भी कैसा है, सबको सबकुछ नहीं मिलता। किसी को मिलता है सागर तो, किसी को एक बूंद भी नहीं मिलता। कोई पढ़
सुकून है वो तोफ़हा जो सबको सब जगह नहीं मिलता, इसे पाने के गर खोना पड़े कुछ तो खोना जरूरी है। एक कप चाय के