कविता

Category: कविता

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बीतती खुशियों में जिंदगी है मेरी

शाम के जश्न का हाल पूछो ना अबमुस्कुराती हुई हर सुबह है मेरीदिन तो रोशन हुआ शाम हर सुरमईबीतती खुशियों में जिंदगी है मेरीप्रेम में

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इंद्रधनुषी नाव

आसमा पर इंद्रधनुषी नाव अब चलने लगीखो ना जाए आसमां में सोचकर डरने लगीबैगनी थे यात्री उस पर श्वेत खेवनहार थाचल रही थी जिस जगह

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प्रेम का बीज

प्रेम का बीज बोया था जो भी यहावो ह्र्दय खेत मे अंकुरित हो गयाअब फसल प्रेम की लहलहाने लगीसारा जीवन मेरा प्रेम मय हो गयादेखा

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दिल के फूल

उसके भावो में जो डूबा एक कली सी खिल गईरंग रूप से ही उसके खुशबू अब बिखर गईतोड़ ना ले जाए दूजा कोई उसको बाग

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सबके दिल को ही शीतल करू मै

अब न रहना मुझे कैद होकरअब परिंदों की जैसे उडू मैना सिमट जाऊं मैं पिजड़े में हीउड़ान अब आसमां तक भरू मैचीज जितनी निराली जगत

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देखो सावन आया है

आसमान घिर गयी बदरियादेखो सावन आया हैझूले पड़ गए डाल-डालकोयल ने गीत सुनाया हैउपवन खिला-खिली धरतीचहुओर खुशी ही छाई हैघास फूस संग पुष्प खिलेछाई धरती

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