
यह निर्णय हमको करना है
सच है क्या है गलत यहां पर राह कौन अपनाना हैदिशा कौन सी चले यहां पर साथी किसे बनाना हैक्या देखें क्या ना देखे वह

सच है क्या है गलत यहां पर राह कौन अपनाना हैदिशा कौन सी चले यहां पर साथी किसे बनाना हैक्या देखें क्या ना देखे वह

आज दीपक जलाऊंगा तुम्हारे लिएमन को मंदिर बनाऊंगा तुम्हारे लिएतन से मन से औ भावो से दिल में बसोंघर बनाऊंगा दिल को तुम्हारे लिए प्रार्थना

हजारों रंग फीके हैं प्रेम रंग सब पे भारी हैहै फीकी इत्र की खुशबू, खुशबू रिश्तो की भारी हैहमारा सारा जीवन ही भले रंगीन हो

कहते कहते न जाने कि किस भाव मेंडूब कर मेरी अखियां बरसने लगीधीरे-धीरे चढ़ी थी नजर में ही वोइक बयक आज दिल से उतरने लगीपहले

कुछ रिश्ते ऐसे देखे हैंस्वार्थो में पलते देखे हैंबाध मुखौटा सच्चाई कापैसों पर बिकते देखे हैं मन में कुण्ठा द्वेष भरेईर्ष्या में जलते देखे हैंखरे

चांदनी रात है पर ओ ठंडक नहींसाथ मेरे तो हैं पर ओ रौनक नहींआज मन में अंधेरा ही छाया हुआसूर्य की रोशनी है पर जगमग

सावन तुम फिर कब आओगेशुष्क हृदय में कब छाओगेफूल खिलेंगे दिल में कब तकगुलशन बन कब महाकाओगेसावन तुम फिर कब आओगेदिल की बगिया सूख रही

आंखों में प्यार लिए, होंठो पे मुस्कान लिएभाव में भरी हुई, वो पास चली आती हैंअंजन की धार लिए ,आंख में कटार लिएसादगी का करके,

रज-रज में बसे चरण तुम्हारे ब्रज में, भूल जाऊं खुद को मैं लोट जाऊं रज में, स्वर्ग से सुंदर हर वन-उपवन ब्रज का है, जब

समय के साथ बदल रहा सोच अब इज्जत नहीं पैसों पर जोर जो नकारता दुनिया समझती तेज नहीं भोंदू व्यंग्य से कहती जब सोच ही