रह जाते हैं
यादों के आईनों में रह जाते हैं ।जाने वाले आंखों में रह जाते हैं । ख़ुशबू बन कर उड़ते हैं फिर बाग़ों में ।तितली के
यादों के आईनों में रह जाते हैं ।जाने वाले आंखों में रह जाते हैं । ख़ुशबू बन कर उड़ते हैं फिर बाग़ों में ।तितली के
ये रंगीन कागज़ के रिश्ते सम्हालो ।तुम अपनी वफ़ाओं के तिनके सम्हालो । महकने से पहले कहीं झर न जायें ।मुहब्बत के मासूम गुंचे सम्हालो
हम से मुँह फेर कर चाँदनी जा चुकी ।जी रहे हैं मगर ज़िन्दगी जा चुकी । फूल सारे चमन के उसे दे दिए ।इन हवाओं
इसी तस्वीर के कदमों में दिल रख दूं ,अगर कह दो ।तुम्हे अपनी मुहब्बत का ख़ुदा मानूं , अगर कह दो । तराशे लब, हसीं
मुसलसल युद्ध चलता है कोई घायल ज़ेहन में है । यूँ मैं ख़ामोश रहता हूँ मगर हलचल ज़ेहन में है । न तुम आईं कभी
लफ़्ज़ की चाशनी में घुलेगी नहीं । बेरुख़ी आपकी अब छुपेगी नहीं । पंख कतरे हैं तुमने मेरे प्यार के । बेपरों की ये चिड़िया
ज़िन्दगी दामन जला दे और क्या । हँस पड़ा था ग़म बढ़ा दे और क्या । प्यार की ख़ातिर तना था तीर सा । प्यार
सब गरीब धनवान हैं , सब धनवान गरीब । उल्टी पुलटी चीज़ सब , दुनिया बड़ी अजीब । उनकी हालत हो रही , अंतिम समय
तुम वीणा तुम बांसुरी , तुम रसवंत सितार । तुम हिरदय की स्वामिनी , तुम मेरा गलहार । तुम नदिया रस की भरी , तुम