Peer Review Process

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ज्ञानविविधा जर्नल डबल-ब्लाइंड सहकर्मी समीक्षा प्रक्रिया का पालन करता है, जहां समीक्षक और लेखक दोनों समीक्षा प्रक्रिया के दौरान गुमनाम रहते हैं। प्रकाशन के लिए प्रस्तुत प्रत्येक प्रस्ताव को प्रारंभिक समीक्षा के लिए कम से कम एक संपादक द्वारा पढ़ा जाता है और कार्य की मौलिकता और किसी भी गंभीर साहित्यिक चोरी की समीक्षा की जाती है। साथ ही ज्ञानविविधा को सौंपी गई पांडुलिपियों(विशेष रूप से आलेख/शोधालेख) की समीक्षा संभावित प्रकाशन के लिए की जाती है कि वे केवल 'ज्ञानविविधा' को प्रस्तुत की गई हैं और कहीं और प्रकाशित या प्रकाशन हेतु अन्यत्र प्रस्तुत या अन्यत्र प्रकाशन के लिए स्वीकार नहीं की गई हैं। यदि आलेख/रचना संपादकीय नीतियों और हमारे न्यूनतम गुणवत्ता स्तर के अनुरूप होते हैं, तो उन्हें दो समीक्षकों को भेजा जाता है, जो आलेख की समीक्षा करते हैं और टिप्पणियाँ प्रस्तुत करते हैं। समीक्षकों को लेखक की पहचान नहीं पता होती, क्योंकि समीक्षा हेतु भेजने से पूर्व आलेख/रचना से पहचान संबंधी सभी जानकारी हटा दी जाती है। संपादकों के लिए समीक्षकों की टिप्पणियाँ गोपनीय होती हैं । समीक्षकों की टिप्पणियों के आधार पर, संपादकीय बोर्ड लेख की स्वीकार्यता पर अंतिम निर्णय लेता है और रेफरी की रिपोर्ट के आधार पर लेखकों को प्रकाशन/अप्रकाशन के निर्णय के बारे में सूचित करता है। जैसा कि उपर बताया गया है कि सहकर्मी-समीक्षा प्रक्रिया डबल ब्लाइंड है, यानी, समीक्षकों को नहीं पता कि पांडुलिपि के लेखक कौन हैं और लेखकों नहीं पता कि सहकर्मी-समीक्षक कौन हैं। एक बार जब आलेख प्रकाशन के लिए उपयुक्त हो जाता है तो संपादकीय बोर्ड द्वारा इसकी दोबारा समीक्षा की जाती है और अंत में इसे प्रकाशित किया जाता है।

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