भजन-शिवमय जीवन
शिवमय जीवनजीवन का अनमोल क्षण,शव नहीं शिव मय हो।मन से निकले प्यारा बोल,जिसमे सुंदर सा लय हो।मानवता सब में झलके,किसी से न कभी भय हो।विवेक
शिवमय जीवनजीवन का अनमोल क्षण,शव नहीं शिव मय हो।मन से निकले प्यारा बोल,जिसमे सुंदर सा लय हो।मानवता सब में झलके,किसी से न कभी भय हो।विवेक
साधक तिरस्कार-तम में हैंतिकड़मबाजों का अभिनन्दन! सीना ताने झूठ चल रहा/सच दुबका-सहमा कोने मेंजिसे देखिए वही लगा है/यहाँ स्वार्थ-बीज बोने मेंअर्थ कूच कर रहे शब्द
आईना बता तू ये क्या सिलसिला है हूं मैं क्या, क्या तू बता रहा है मुझसे क्या पूछते हो तेरे कर्मों का सिला है जो
जब तक दूध दिहिन भर लोटा तब गइया रहीं हमार साल पूर भा बिचुख गईं जब राति गईं नदिया वहि पार यनहूं हांकैं उनहूं हांकै
मेरे देश के वीर जवानों, उठो देश के भावी कर्णधार।जिस माटी में जन्म लिया, रखना मां से नेह अपार।पढ़ लिख ज्ञानवीर बनो, यश कीर्ति वैभव
एक बार धर कर अधरन पर, मुरली सुधा लुटा दो। जीवन-भर की व्याकुल्ता को पल में आज मिटा दो। जीवन नैय्या मेरे कान्हैय्या मझधारों में
मेरे बाद मेरे गीतों की का एक सुंदर संसार बसाना करुण वेदना की बेदी पर अमर प्रेम का दीप जलाना मेरा जीवन एक कथा सा
हर बाज़ी जीती थी मैंने दिल ने खाई मात कहाँ वाबस्ता हैं यादें जिनसे गुजरेगी वो रात कहाँ घर से बाहर हमने एकदम दुनिया अलग
हर दुआ में वो ज़माना चाहता हूँ फिर वही मिलना मिलाना चाहता हूँ मिल सके परछाइयाँ एहसास की रोशनी का वो ज़़माना चाहता हूँ देख
खेल तमाशा सा जीवन है मौसम इक सैलानी है पैकर है अपनी ख़्वाबों का जीवन अजब कहानी है मुझको व परवाह नहीं है किस्मत की