गीत:-साथ निभाए वही मीत है
साथ निभाए वही मीत है जीवन की यही रीत है, साथ निभाए वही मीत है।नैनों से नेह बरसे, दिल से दिल की यही प्रीत है।साथ
साथ निभाए वही मीत है जीवन की यही रीत है, साथ निभाए वही मीत है।नैनों से नेह बरसे, दिल से दिल की यही प्रीत है।साथ
तुम वर्तमान के पृष्ठों पर ,पढ़ लो जीवन का समाचार ।क्या पता कौन से द्वारे से ,आ जाये घर में अंधकार।। आशा की किरणें लौट
होली का ये मास सुहाना, लगा गुलाबी रंग।पीकर झूम रहे हैं देखो, नशा चढ़ा जब भंग॥ होली में बहका सजना तब, झूमें गाते फाग।उमड़ रहा
फागुन का महिना आया रंगीला मौसम आया –२ रंगीला मौसम आया होली का उत्सव लाया –२ आज अवध में उत्सव मनाएं आओ खेलें होली –२
चलो नंदलाल के भवन में कान्हा संग खेलें होली। थोड़ी खेलेंगे हम होली, थोड़ी करेंगे ठिठोली —२ सलाह करे आपस में मिलके सखियां सब भोली-भोली।
होरी गिरि कैलाश पे खेलत गौरीशंकर। होरी….. रंग अबीर लिया माता ने, चिताभस्म प्रलयंकर। तारी दे दे नाचत गावत भूत पिशाच भयंकर।। होरी…. एक पाँव
नीला पीला लाल गुलाबी, गोरी रंग लेकर आई। फागुन आयो रंग रंगीलो, उर उमंग मस्ती छाई। रसिया नाचे ढप बजावे, आज बिरज में होली है।
मैं – कुछ होरी कि हुड़दंग और गोरी तेरा संग उस पल चढ़ी हुई है भंग आज तो रोको नहीं मुझे आज तो
फागुन के दुख का, कहौं मैं सखी। पिया रंगे न मोरी चुनरिया हो।। बाली है मोरी उमरिया, रंग है गोरा कोरी चुनरिया, होली के –
होली———————————————-१ बरस रहा है पिचकारी से, लाल गुलाबी रंग। रंग बिरंगी बौछारों से ,पुलक उठा हर अंग।। होली होली हुरयारों का ,गूँज रहा है शोर