कविता

Category: कविता

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बेटियां

बेटियां, चंचल, कोमल, प्यारी सी, घर के आंगन को मेहकाती, फुलवारी सी। चहकती रहती है घर में दिन भर, गौरैया जैसी प्यारी सी। मत छीनो

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जिंदगी का सफर

  जिंदगी का सफर आसान नहीं होता। यहां हर कोई अच्छा इंसान नही होता। अकेले है चलना पड़ता है सब राहों पर, यहां कोई किसी

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एक स्वाभिमानी स्त्री

वो पढ़ी, अथक् प्रयास किये,फिर वो आत्मानिर्भर बनी,अपने पैरों पर खड़ी हुई।उसने अपना और अपने माँ पापा का,मान बढ़ाया, सम्मान किया,ज़िम्मेदारी निभाई। कहाँ वो चुक

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विधि का विधान

विधि का विधान भी कैसा है, सबको सबकुछ नहीं मिलता। किसी को मिलता है सागर तो, किसी को एक बूंद भी नहीं मिलता। कोई पढ़

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सुकून के पल

सुकून है वो तोफ़हा जो सबको सब जगह नहीं मिलता, इसे पाने के गर खोना पड़े कुछ तो खोना जरूरी है। एक कप चाय के

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