नरेंद्र शास्त्री
नरेंद्र शास्त्री

नरेंद्र शास्त्री

पिता - श्री नरेश कुमार, पता-ग्राम धीरपुर, डाक खाना- खानपुर कोलिया , तहसील-थानेसर, जिला -कुरुक्षेत्र, pin-136131, राज्य-हरियाणा, जन्म तिथि 05,04,1986, शिक्षा - विशारद,शास्त्री M A ( हिंदी)M.ed, व्यवसाय-शिक्षक. प्रकाशन-2 कविताएं k b writer की मधुर बेला पुस्तक में, लेखन के क्षेत्र में सम्मान - राजभाषा सम्मान 2020, साहित्य सागर सम्मान 2022,Copyright@नरेंद्र शास्त्री / इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

मेरी गजलों में तेरे गुनाहों का हिसाब होगा

मेरी गजलों में तेरे गुनाहों का हिसाब होगा।दर्द मेरे जख्मों का होगा तेरा अल्फाज होगा।।तेरी बेवफाई पर कई सवाल उठेंगे ।भरी महफिल में मैं तुझे

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मैं अपनी दुनिया सौंप दूं

मैं अपनी दुनिया सौंप दूं तेरे हाथों में।मिटा तो ना दोगे तुम।।अगर इजहार कर दूं अपनी मुहब्बत का।तमाशा बना तो ना दोगे तुम।।जख्म कई लिए

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निगाहें वहां पर हो

निगाहें वहां पर हो जहां होंसले पस्त होते हैं।चिराग वहां जलाओ जहां सूरज अस्त होते हैं।।क्या लेना दुनियादारी की चापलूसी से।जो साफ दिल होते हैं

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दीये से जलते हैं

दीये से जलते हैं खुद औरों को राह दिखाई है,तब जाकर कहीं हमने गुरु की उपाधि पाई है।सही गलत बच्चों को समझाया है,हमने हमेशा एक

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लिखा जो एक साथ नाम रेत पर

लिखा जो एक साथ नाम रेत पर।किसी लहर ने आन मिटाया होगा।।तेरी गहरी सी इन आंखों में कोई गैर खूब नहाया होगाबता मेरे बिन इनमें

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जिन्हें अपना समझ रखा था

जिन्हें अपना समझ रखा था सारे गैर निकलेजो दबा के रखा था दिल में सुकून की तरहवह सारे ख्वाब जहर निकलेहमें वफा मिली गांव की

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पूजित सदा जगत में नारी

पूजित सदा जगत में नारीसृष्टि सृजन की प्रथमा अधिकारीचंद्रयान आकाश उड़ातीअपने साहस का परचम लहरातीशोभा इनकी सबसे न्यारीसृष्टि सृजन की प्रथमा अधिकारीइनका ना था इतिहास

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