उगते सुरज का वंदन है दुबते का भी वंदन है
खुशीयों से सजा रहे हे नूतन वर्ष अभिनंदन है
नया साल आया है हम नई नई कहानी लिखेंगे
सच पथ के गायक है दरिया के रवानी लिखेंगे
हम वो कलम नहीं जो बिक जाये गलियारो मे
हम आग को आग और पानी को पानी लिखेंगे
कलम उठाऊगा जब भी देश हित के वास्ते
हम पथिक है सच्चाई के, चलेगे इसी रास्ते
हम जन गण के गायक है गीत यही गायेंगे
भाईचारे और अमन का दीप सदा जलायेंगे
भुले बिसरे गलतियों को ना कभी दोहराएंगे
चाहे राहे रहे कठीन पर हम चलते जायेंगे
हम कवि है सच्चाई का राह सदा दिखायेंगे
सुविचार के सबक से हम जँहा महकायेंगे
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