कारवां
पल दो पल का कारवां पल दो पल का ज्ञानमयकदे मे चोर पुलिस सब है इक समानआता वाता कुछ नही दे रहे गीता ज्ञानइन्सानो ने
पल दो पल का कारवां पल दो पल का ज्ञानमयकदे मे चोर पुलिस सब है इक समानआता वाता कुछ नही दे रहे गीता ज्ञानइन्सानो ने
आये ख्याब में मेरे,लिए मुँस्कान होठों पर अब न रहा अख्तियार मेरा, मेरे सासों पर मशहूर हो गया मै भी हुस्न की गलियों में मैैने
पुँछकर देखा खुद से क्या खोया क्या पाया हमने चंद चाँदी के सिक्के पाये है पर मुस्कान खोया हमने बेचकर शकुन दिल की शहर से
आईना सच कह गया जब राज दरबारो मे टुकडो टुकडो मे बट गया आज बाजारो मे राम के अस्तित्व को ही नकारने लगे है लोग
उगते सुरज का वंदन है दुबते का भी वंदन है खुशीयों से सजा रहे हे नूतन वर्ष अभिनंदन है नया साल आया है हम नई
मिला है जो भी मुझे अब तक मेंरी माँ की दुआओं से मैं आसमां पर घर बनाऊगा मेंरी माँ की दुआओं से है रंज नही
बेटियां किसी से कम नहीं है इस जहान में वायुवान रेल तक चलाया है भारत महान में बेटियां अपने दम पर जँहा को जीत आई
मेरे हौसलों को लोग आजमाने में लगे हैं हम अपना आशियाना बनाने में लगे हैं परिन्दा हूँ आसमान में उड़ने की सनक है और साहेबान
मुझसे मिले हैं जो भी वो लुटने वाले मिले हैं खुदा शहर मे तेरे बहुत सारे शिकवे गिले हैं खुदा दर पर तेरे पंडित मुल्ला
किसी की निगाह में खटकता था मैं जब उनके पनाह में रहता था मैं वो राह में छोड़कर चल दिये जिसको अपना कहता था मैं