यूंँ ज़िंदगी में गलतियांँ दोहराई नहीं जाती,
यूंँ बात सभी की दिल से लगाई नहीं जाती।
परिंदे हैं, उड़ने दो इन्हें उन्मुक्त गगन में ,
यूंँ डाल कर दाना चिड़िया फसाई नहीं जाती।
ये आँखें खुशी से छलक जायें तो अच्छा,
यूंँ देकर खुराक दुःख की रुलाई नहीं जाती।
माँ की दुआ है दूर तक जायेगी साथ में ,
यूंँ दूरियों से उसकी सूरत भुलाई नहीं जाती।
अच्छा हूंँ मैं परदेश में या हालत मेरी है पस्त,
यूंँ गुफ्तगू से उसकी निदिया उड़ाई नहीं जाती ।
गुमशुद लड़े या फिर यूंँ ही मर जाए एक दिन,
यूंँ धोखे से उसकी जीत पचाई नहीं जाती ।
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