यह जीवन पथ आसान नहीं।
झंझा झकझोरती है पल-पल,
अमावस्या की काली रातों में,
है गात ,कांप जाते देखो-
हीम मिश्रित ठंडी वातों से।
कंपकंपाती यह स्वर लहरी,
चारण-भाटों का गान नहीं।
यह जीवन पथ आसान नहीं।
गेंदा, गुलाब दिखने भर के-
मग नागफणी के कांटे हैं,
जीना है जेठ दुपहरी में,
कोई मिलता बरगद का छांव नहीं।
यह जीवन पथ आसान नहीं।
दरिद्रो को मिलता अनुशासन ही,
दरिंदा ,यहां चढ़ता सिंघासन भी,
केवल कोरे आदर्श बताने से;
मिलता ,राजा जैसा सम्मान नहीं।
यह जीवन पथ आसान नहीं।
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