मिला है जो भी मुझे अब तक मेंरी माँ की दुआओं से

मिला है जो भी मुझे अब तक मेंरी माँ की दुआओं से

मैं आसमां पर घर बनाऊगा मेंरी माँ की दुआओं से

है रंज नही कोई, ना ही शिकायत है किसी से

खुशनसीब हुँ मैं, बहुत कुछ मिला है यहीं से

हर बला टल जाती है मेंरी माँ की दुआओं से

खुदा से बाते करता हुँ यहीं बैठे बैठे जँमीं से

ख़ुशी का राज पुछ रहे थे इक दिन हमीं से

कहा मैंने रहता है मेंरी माँ का हाथ मेंरे सर पर

बलाये भी घुटने टेक देती है आ के मेंरे दर पर

खुशीयाँ पुछती रहती है पता मेंरा इन हवाओं से

रहमत की बारीश होती है मेंरी माँ की निगाहों से

नजरे करम है मुझपर खुदा खड़ा है मेंरे दर पर

कह रहे हैं माँ का हाथ रखवा दे मेंरे भी सर पर

जन्नत में नहीं है मयस्सर ना ही है इन फिजाओं में

बहुत शुकुन महसूस होता है आके माँ के बाहो में

खुद में समेंटे हुए है जो सारे जँहा की नेमते

झुक जाता है खुदा का सर भी माँ के सामने

आती है जन्नत की खुशबू मेंरी माँ की सासों से

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रचनाकार

Author

  • राजीव रंजन रौशन

    राजीव रंजन रौशन पटना बिहार Copyright@राजीव रंजन रौशन / इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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