पता है

पता है,
तुमको खोजता हूँ मैं,
कभी
कोलंबस की तरह ,
तो कभी कस्तूरी मृग की तरह l

पर, तुम मिलती ही नहीं l
हाँ, सच मानिए……….
मिलती ही नहीं,
कहीं भी, कभी भी ll

मैं थक जाता हूँ,
तन से और मन से ,
पर खोज जारी रहती है ll

वैसे ही, जैसे
चातक पंक्षी प्यासा रहकर भी,
दरिया नदियों के पास रहकर भी,
इंतज़ार करता है,
वर्षा की पहली बूंदों का ll
मैं भी इंतज़ार करता हूँ,
तुमसे रूबरू होने का ll

अक्सर,
जब मैं अर्ध निंद्रा में होता हूँ ,
थोड़ा,
हाँ बहुत थोड़ा
“मैं” के साथ होता हूँ l
तो तुम ,
कहीं आती हुई सी दिखती हो l
काली अमावस रात्रि में,
अमलतास बन,
सारे तम हरती हुई सी लगती हो l
धीरे धीरे मैं पूर्ण निंद्रा से
चिर निंद्रा में चला जाता हूँ l
तुम वहीं पास रहती हो,
क्योंकि “मैं”, “मैं” को छोड़ चुका होता हूँ ll

फिर जब खुलती है निंद्रा,
टूटती है, चुप्पियाँ
और जग पड़ती है “मैं ” छोड़ अपनी चिर निंद्रा
तो फिर तुम नहीं दिखती ll
मैं फिर से खोजता हूँ,
सभी कमरों में,
सभी अलमारियों में ,
पर तुम नहीं मिलती ll

क्या तुम भी खोजती हो मुझे?
जैसे मैं खोजता हूँ तुम्हें?
कभी सपने में ही सही,
मिलो,
हाँ, तुम भी आना वो अपना “मैं” को
संदूखों में रख कर,
मैं भी चाहता हूँ मिलना
बिना “मैं” के “मैं” से ll

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रचनाकार

Author

  • आलोक सिंह "गुमशुदा"

    शिक्षा- M.Tech. (गोल्ड मेडलिस्ट) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र, हरियाणा l संप्रति-आकाशवाणी रायबरेली (उ.प्र.) में अभियांत्रिकी सहायक के पद पर कार्यरत l साहित्यिक गतिविधियाँ- कई कवितायें व कहानियाँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं कैसे मशाल , रेलनामा , काव्य दर्पण , साहित्यिक अर्पण ,फुलवारी ,नारी प्रकाशन , अर्णव प्रकाशन इत्यादि में प्रकाशित l कई ऑनलाइन प्लेटफार्म पर एकल और साझा काव्यपाठ l आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी लाइव काव्यपाठ l सम्मान- नराकास शिमला द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत व सम्मानित l अर्णव प्रकाशन से "काव्य श्री अर्णव सम्मान" से सम्मानित l विशेष- "साहित्यिक हस्ताक्षर" चैनल के नाम से यूट्यूब चैनल , जिसमें स्वरचित कविताएँ, और विभिन्न रचनाकारों की रचनाओं पर आधारित "कलम के सिपाही" जैसे कार्यक्रम और साहित्यिक पुस्तकों की समीक्षा प्रस्तुत की जाती है l पत्राचार का पता- आलोक सिंह C- 20 दूरदर्शन कॉलोनी विराजखण्ड लखनऊ, उत्तर प्रदेश Copyright@आलोक सिंह "गुमशुदा"/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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