है नारी जग की क्यारी
जीवन उसकी न्यारी न्यारी
रखती सबका ख्याल है
जीवन सवारी सवारी
दायित्व परिवार का
वंश और घरवार का
रिश्ते में लाती मिठास है
यह दस्तूर है संस्कार का
स्टेरिंग है परिवार का
पथ प्रदर्शक है संसार का
कभी थकती नहीं
मुस्कान है श्रृंगार का
सफर तय है चांद का
जेट है स्वाभिमान का
करती देश रक्षा भी
नारी नाम है बलिदान का
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