ताँका

1
शोख अदाएँ
तितली ठुमकती
गोदभराई
कलियाँ शर्माती हैं
माली की बाँछें खिली ।

2
भारी हैं- पाँव
फूलों-तितलियों के
खबरें उड़ी
सौंदर्य बिखरा है
लोग बलैयां लेते ।

3
निगल जाती
भूख की लंबी जीभ
सारी हेकड़ी
क्या-क्या नहीं कराती?
क्या-क्या नहीं दिखाती?

4
भोर की हवा
दूबों में ओस छींट
नींद भगाए
गुदगुदा के भागे
जागे,भूख सताए ।

5
चेहरों पर
पता नहीं चस्पा है !
शहरी भीड़
बेनाम हैं चेहरे
पहचान ढूँढ़ते ।

6
स्वाद चखते
धूप,मिट्टी, हवा का
पौधे झूमते
प्रकृति अन्नपूर्णा
भूख मिटाती सदा ।

7
सत्य अकेला
खड़ा रहा निडर
झूठ की बाढ़
बहा ले जाती सदा
गाँव संग साहस ।

8
सूराख फाँद
चाँद देखने आया
दूसरा चाँद
कुटिया वाली झेंपी
नभ वाला शर्माया।

9
होली दुल्हन
फागुन है कहार
रंग-रंगीली
भाभी करे ठिठोली
जले सारे पड़ोसी।

10
भौरों में भ्रम
बाग में तुम आयीं
कली शर्माई
फूलों की चर्चा बंद
हुस्न बगर गया।

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रचनाकार

Author

  • रमेश कुमार सोनी

    जन्म तिथि-11.11.1966, सम्प्रति-व्याख्याता, पता-एल आई जी 24 कबीर नगर,फेज 2, रायपुर छत्तीसगढ़, पिन-492099, लेखन विधा-कविता, हाइकु, ताँका, सेदोका, कहानी, समीक्षा, आलेख। विविध राष्ट्रीय पत्र -पत्रिकाओं में कई सौ रचनाएँ प्रकाशित। प्रकाशित पुस्तकें - 1 रोली अक्षत- 2004 छत्तीसगढ़ का प्रथम हिंदी हाइकु संग्रह वैभव प्रकाशन-रायपुर 2 पेड़ बुलाते मेघ-2018 हिंदी हाइकु संग्रह सर्वप्रिय प्रकाशन-दिल्ली सर्वाधिक चर्चित एवं समीक्षित संग्रह। 3 हरियर मड़वा-2019 विश्व का प्रथम छत्तीसगढ़ी ताँका संग्रह वैभव प्रकाशन रायपुर 4 झूला झूले फुलवा-2020 विश्व का प्रथम हिंदी ताँका संग्रह इ पुस्तक अक्षरलीला प्रकाशन रायपुर किंडल अमेज़न पर 5 गुरतुर मया-2021 छत्तीसगढ़ी का सर्वाधिक चर्चित हाइकु संग्रह श्वेतांशु प्रकाशन-दिल्ली, पुरस्कार/सम्मान- राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता एवं साहित्यकार, विविध क्षेत्रों में कई दर्ज़न राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के सम्मान प्राप्त |

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