जीवन के दिन चार बन्धुवर
किससे क्या तकरार बन्धुवर !
आज रू-ब-रू जी भर जी लें
कल का क्या एतबार बन्धुवर!
सुख तो एक तसव्वुर जानो
दुख ही सच्चा यार बन्धुवर!
जितनी कसक कशिश उतनी ही
अजब पहेली प्यार बन्धुवर!
मिटे दूरियाँ चलो मिलाएँ
दिल से दिल का तार बन्धुवर!
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