बादल तोड़े खुद को देखो
रुई में बदले खुद को देखो
धरती रंगी श्वेत रंग से
बर्फीली जन्नत तो देखो
मोटी मोटी परत हो गयी
हवा की गर्मी ठंडी हो गयी
देखो कितनी सर्दी हो गयी
पेंड फ़िज़ा धरती अम्बर सब
देखो कैसे इकरंगी हो गयी
मन दिल धड़कन नज़रे खुद की
देखो जन्नत जैसी हो गयी
हवा कभी हौले से डोले
पेंडो के कानो में बोले
कितने सुंदर लगते ऐसे
देख के तुमको देखो यारा
कितने लोगो के मन डोले
कितने दिन से इंतज़ार हो रहा
किसान तुम बिन
कितना परेशान हो रहा
आये हो अब जब तुम देखो
कितना वो खुशहाल हो रहा
माना की जीवन है रुका सा
पंछी जानवर बेहाल हो रहा
लेकिन ये बदलाव ज़रूरी
सब खेले एक रंग की होली
खिल जाए चेहरे फूलों के
बिन आंसू के बरखा रो ली
देखो धरती ओढ़े चादर
बादल के संग दौड़े बादल
देख कर ऐसा रूप तुम्हारा
कितना खुश है मेरा साजन
कभी बूँद बन बारिश होती
कभी बूँद वह बर्फ है बनती
आसमान में झूले झूला
कितनी वो अठखेली करती
गिरती मिटती फिर भी गिरती
कोशिश वह निरंतर करती
बार बार कोशिश के फल से
जमीन को वो सफ़ेद है करती
इतना तो आसान नहीं है
हर पत्थर भगवान नहीं है
कैसे रखे सबको खुश
खुश रहना आसान नहीं है
बर्फ के टीले देखो सज गए
बादल पिघल कर ओले हो गए
ठुठरन में ये रात ठुठरती
बर्फानी सी सांस हो गए
बाते भी अब जम जाती हैं
रूहें भी पिघल जाती हैं
मेहनत की तो बात अलग है
किस्मत भी तो बदल जाती हैं
आओ सब लोग ये लम्हा जी लें
नज़रों में ये जन्नत भर लें
पल पल एक इतिहास हो रहा
जीवन आज अभी में जी लें