परीक्षा भी स्व इच्छा से देने वाले।
डॉ राजेन्द्र प्रसाद के बिहार वाले।
उन्हीं की ज़ुबान, में उनकी ही,
बोलती बंद, कराते हैं,
यूँ ही नहीँ हम, मैं तुम नहीं,
सीधे साधे, बिहारी कहलाते हैं
अंग्रेजो को देश से भगा दिया, पर
उनके साथ सेल्फ़ी लेकर, इतराते है।
भगत वाला ख़ाली बम,
और गाँधी जी वाली लाठी, भी समय पड़े तो उठाते हैं।
यू ही नहीं, हम, मुकुन्द,
‘बिहारी’ कहलाते हैं।।
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