गणतंत्र दिवस

कुछ जिम्मेदारियों की चादर ओढ़े , चलो गणतंत्र मनाते हैं ।
दिल को कर इन्द्रधनुषी , चलो तिरंगा ध्वज फैराते हैं ।।
भूल न जाएँ ताकत अपनी, भूल न जाएँ चाहत अपनी ,
देश प्रथम सदियों से अब तक, इसको ध्रुव तारे सा चमकाते हैं ।
हम है तो, ये देश’ के नायक, जुबां बनी सबकी है गायक ,
लोकतंत्र है लोगों से ही , चलो लोक तंत्र का पर्व मनाते हैं ।
कुछ जिम्मेदारियों की चादर ओढ़े , चलो गणतंत्र मनाते हैं ।।
दिल को कर इन्द्रधनुषी , चलो तिरंगा ध्वज फैराते हैं ।।

जाति धर्म , ये ऊँच नीच, सब कुछ तो ही मिट जाना है ।
कितना क्षण भंगुर है ये सब , इंसानियत ही रह जाना है ।
कर्म हमेशा फल देता है, ज्ञान अनन्त का मर्म देता है ।
स्वार्थ की बेंड़ी पिघला कर, चलो खुशियों को फैलाते हैं ।
कुछ जिम्मेदारियों की चादर ओढ़े , चलो गणतंत्र मनाते हैं ।।
दिल को कर इन्द्रधनुषी , चलो तिरंगा ध्वज फैराते हैं ।।

संविधान ने ताकत दी है , माना अपनों ने कई आफत दी है ,
लोक तंत्र की लेकिन खूबसूरती, संविधान ने ही राहत दी है ।
नियम बने, कानून बने हैं, सभी एक ही सूत्र पिरें हैं ।
सामाजिक खाईं हैं माना , लेकिन हम सब संग बढ़ें हैं ।
जन जन तक उनके अधिकार बता कर,चलो उनका जीवन हर्षाते हैं ।
कुछ जिम्मेदारियों की चादर ओढ़े , चलो गणतंत्र मनाते हैं ।।
दिल को कर इन्द्रधनुषी , चलो तिरंगा ध्वज फैराते हैं ।।

देखो कोई छूट न जाए, अपनों को कोई भूल न जाए ,
जाति लिंग और उम्र में फस कर, आँखों पर कोई धूल न छाए ,
लाल रंग का खून सभी का , एक जैसा इतिहास सभी का ,
कुर्बानी हम देशभक्तों की, तुमको याद दिलातें हैं ।
कुछ जिम्मेदारियों की चादर ओढ़े , चलो गणतंत्र मनाते हैं ।।
दिल को कर इन्द्रधनुषी , चलो तिरंगा ध्वज फैराते हैं ।।

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रचनाकार

Author

  • आलोक सिंह "गुमशुदा"

    शिक्षा- M.Tech. (गोल्ड मेडलिस्ट) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र, हरियाणा l संप्रति-आकाशवाणी रायबरेली (उ.प्र.) में अभियांत्रिकी सहायक के पद पर कार्यरत l साहित्यिक गतिविधियाँ- कई कवितायें व कहानियाँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं कैसे मशाल , रेलनामा , काव्य दर्पण , साहित्यिक अर्पण ,फुलवारी ,नारी प्रकाशन , अर्णव प्रकाशन इत्यादि में प्रकाशित l कई ऑनलाइन प्लेटफार्म पर एकल और साझा काव्यपाठ l आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी लाइव काव्यपाठ l सम्मान- नराकास शिमला द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत व सम्मानित l अर्णव प्रकाशन से "काव्य श्री अर्णव सम्मान" से सम्मानित l विशेष- "साहित्यिक हस्ताक्षर" चैनल के नाम से यूट्यूब चैनल , जिसमें स्वरचित कविताएँ, और विभिन्न रचनाकारों की रचनाओं पर आधारित "कलम के सिपाही" जैसे कार्यक्रम और साहित्यिक पुस्तकों की समीक्षा प्रस्तुत की जाती है l पत्राचार का पता- आलोक सिंह C- 20 दूरदर्शन कॉलोनी विराजखण्ड लखनऊ, उत्तर प्रदेश Copyright@आलोक सिंह "गुमशुदा"/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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