सामने जो बहुत मीठा बोलता है
वही पीछे में ज़हर भी घोलता है!
दिल भरा है ,पर सुनायें क्या,किसे?
यहाँ तो हर शख़्स जेब टटोलता है !
काश ! तुलने का मज़ा भी जानता
हमेशा जो दूसरों को तोलता है !
मिल रहे हैं-हिल रहे हैं हाथ ही
गाँठ मन की कहाँ कोई खोलता है !
एक तीली तो जलाकर देखिए
कलेजा किस कदर तम का डोलता है !
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