कमजोर कौन है!
स्त्री या पुरुष!
दोनों!
या फिर कोई नहीं!
क्या कमज़ोर होना,
देह या लिंग आधारित होता है !
या कमजोर होना स्वभाव है !
या कमजोर होना एक सोच है !
जब शेर दो कदम पीछे हो रहा हो ,
दुश्मन, आपकी ऊर्जा को ,
डिफेंसिव होकर,
ख़राब कर रहा हो !
सेनायें, आक्रमण के लिए पीछे हट रही हों l
तुमको थोड़ा थोड़ा
जीता हुआ महसूस कराकर ,
अपने जाल में घेर रहीं हो l
फिर अचानक से माहौल बदलने से लगे,
जीती बाज़ी हाथ से निकलने लगे l
तो कमज़ोर सा लगने वाला,
मजबूत हो जाता है l
वो मजबूत सा लगने वाला
चूर जोर हो जाता है l
इसलिए कमजोर शायद वक्त होता हो ,
और कमज़ोर कोई उतनी ही देर रहता है,
जितनी देर उसके पहलू में ठहरता हो ll
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