लम्बी, छोटी
नाजुक उंगलियाँ
समवेत गोलबन्द होती हैं
हथेली पर जब
-मुट्ठी बन जाती है
उनकी नजाकत
अचानक
हो जाती है मुट्ठी की ताकत
हथेली पर
परस्पर गुँथी उंगलियाँ
मुसलसल मुट्ठी होती है
नहीं रह जाती तब
अनामिका, मध्यमा
तर्जनी या कनिष्ठा
चुम्बक के असमान सिरों -सी
सटी उंगलियाँ
उगाती हैं मुट्ठी
और
अँगुलीमालों की अक्ल
छितराने लगती है |
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