
फिर भी मुझे इकरार है
होश में रहियेगा दुनिया लूटने को हमेशा से तैयार है वो जिसे अपना समझते हो उसके लिए तो व्यापार है एक दौलत है जिंदगी गर
होश में रहियेगा दुनिया लूटने को हमेशा से तैयार है वो जिसे अपना समझते हो उसके लिए तो व्यापार है एक दौलत है जिंदगी गर
जा रहा हूं तेरे शहर को अलविदा कहकर और न रह पाएंगे तेरे शहर में हम खफा होकर जा रहा हूँ तेरे सहर को अलविदा
हे महेश्वर, हे महाकाल देवाधिदेव, हे विश्वनाथ । कर कृपा प्रभु हे महाभट्ट सृष्टि कर्ता हे सोमनाथ ।। सत्य ही शिव, शिव ही सुन्दर हे
युग युगों से हूँ बनी पहचान जग में प्रेम की, क्या हुआ यदि मैं नहीं कान्हा की परिणीता हुई। राम जिसके बिन कभी भी राम
बसंती बयार होली लायी,हर ओर उड़ रहे रंग-गुलाल,मस्तानों की टोली आयी,अमराई में लगी मंजरी,मदिर मंद मुस्कायी,लगे नव पल्लव बगिया बगान में,सुंदर कलिया मुस्कायी,रंग गुलाल के
आ ही गयी हर दिल अज़ीज़ होली,अब हो जाएगी सबकी मीठी बोली,बच्चों का तो ये पसंदीदा त्यौहार है,बूढ़ों के लिए ये जवानी उपहार है,हर जगह
जैसे सूरज ने खोल दिए हों चितवन झूम उठी है धरती गगनधरती नभ थल में फैल गई दिनकर की स्वर्णिम किरण खिल उठी कलियां पेड़ों
तुम्हारे झूठे नैन अनुत्तरित प्रश्न प्रश्ननीय हल तेरी खुशबू इंद्रजाल सा जादू मन बेकाबू उलझे रिश्ते बेजोड़ विभाजन न घटा न गुणा ख्याली पुलाव जलता