गीत

Category: गीत

तेरी गली

किताब में फूल की सूखी पंखुड़ी मिली है। रास्ता मिलता रहा पर मंज़िले ,ना मिली है। तुम्हारे दरों दीवार को पहचानता हूं, तेरे चेहरे की

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प्रार्थना

पाप-अनल से घिरा हुआ जग, मनुज दुखी रोता है दया करो हे! जग-दुःख-त्राता, दास विनती करता है कृपासिंधु तुम! बूंद कृपा की, जीवन पर बरसा

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