मांँ शारदे
मांँ शारदे करुण नयन सेमेरा जीवन उद्धार करोमुझ पर दया करो मातामेरा जीवन आभार करो । मैं मूढ़ ,मासूम जिसमेहै न साक्षरता का वासऔर कितने
मांँ शारदे करुण नयन सेमेरा जीवन उद्धार करोमुझ पर दया करो मातामेरा जीवन आभार करो । मैं मूढ़ ,मासूम जिसमेहै न साक्षरता का वासऔर कितने
शहर से घटा बिखरता हुआघूम रहा चंचलियों मेंआज भी भटक रहा है मेरा दिलरायपुर की गलियों में । छत्तीसगढ़ की राजधानी मेंसूरज का तेज निखरता
व्याकुल मन से कह रहा हूंँतुमसे इजहार है रानीतुमसे प्यार है रानीतुमसे प्यार है रानी तेरी आंखे समंदर सा हैमैं उसमे बहता पानीकण–कण में तेरा
बलिदान वीर सपूतों का…..इतिहास में अमर हैवो आज भी अमर हैवो आज भी जिंदा है वो आत्म स्वाभिमानजिसने झुकना कभी न जानामरते दम तक अंत
हे राम !तुम्हारे चरणों मेंमेरा जीवन कट जाएमुझ पर कृपा करो प्रभो !मुझको न फुल समाए। तुझमें ही बसे मेरे आत्मातुझ पर ही जान गवाएमुझ
सुबह का सूर्योदय नभसे करता रहता ऐतबारओ मेरे प्रियतमतुझसे है प्रेम का इजहार । आ जा बाहों में ओकुसुम तुम्हे दरकारओ मेरे प्रियतम तुमसे हैप्रेम
खुशी –खुशी से मेरीजिंदगी गुजार देनादुख आए तो हे ईश्वर !मुझे निकाल देना । ये जिंदगी गम का मारा हैलूट गया सारा हैअब तू ही
खुशी –खुशी से मेरीजिंदगी गुजार देनादुख आए तो हे ईश्वर !मुझे निकाल देना । ये जिंदगी गम का मारा हैलूट गया सारा हैअब तू ही
खाली हाथ रह जाता हूं मैंमिलती नही है माजिलबदनाम हो जाता हूं मैंमिलती नही है मंजिल। इस दुनिया में हमाराक्या औकात रहा ?हार जाता हूं
बगिया में प्रेम के दो फूल खिलते देखा था ।प्रेम के उन्माद में पत्थर मचलते देखा था ।जीवन को हरपल तिरस्कार करनेवालेमौत की आंखों मेंजीवन