बगिया

बगिया में प्रेम के दो फूल खिलते देखा था ।
प्रेम के उन्माद में पत्थर मचलते देखा था ।
जीवन को हरपल तिरस्कार करनेवाले
मौत की आंखों में
जीवन की भीख मांगते देखा था ।।

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रचनाकार

Author

  • नवेंदु कुमार वर्मा

    जिला गया( बिहार) 824205. Copyright@नवेंदु कुमार वर्मा/इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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