कभी हंसते हुए दिल को तो रुलाया ना करो
कभी हंसते हुए दिल को तो रुलाया ना करोतोड़ कर दिल को किसी का मुस्कुराया न करोसारी ये जिंदगी तो हंस के गुजर जाएगीयाद करके
कभी हंसते हुए दिल को तो रुलाया ना करोतोड़ कर दिल को किसी का मुस्कुराया न करोसारी ये जिंदगी तो हंस के गुजर जाएगीयाद करके
एक दिन पालक ने पूछा ये तो बतलाओ मुझेकितना मेरा भाव है कुछ तो समझाओ मुझेगर्मियों में भाव कितना ठंडी में क्या भाव हैखेत में
जब से बूंदे पड़ी आंखों की हैतब से दिल में नमी ही नमी हैमिल गया जब से मुझको ये सावनतब से मन में खुशी ही
जो देखा एक गुलाब तो दिल ये मचल गयाकांटा नहीं था फिर भी वो सीने मे चुभ गयाकहते हैं लोग पंखुड़ी कोमल गुलाब कीपर छुआ
हे अभावों से जन्मी चपल बालिकेअब मेरे घर ना आना तू फिर से कभीमेरे जीवन में खुशियां ही छाई रहेना शिकन मेरे मस्तक पे लाना
बचपन से ही संकोची स्वभाव होने के कारण मैं अपने में ही खोया रहता था |लोगों के बीच में उठना बैठना बातें करना मेरे लिए
प्राप्त है जितना वही पर्याप्त होना चाहिए आंखों में आंसू नही मुस्कान होनी चाहिए गम में रहकर भी खुशी का भाव होना चाहिए एक सा
गुमसुम उदास सी बैठी हो मैं पास तेरे आ जाऊं क्या फूलों का गजरा बंन तेरे बालों को महकाऊ क्या खिले सुनहरी धूप तेरे होठों
आंखों में तुझको देखा है मैंने आंखों में तेरे एक ख्वाब देखा है हुस्न ए रूप में भी आफताब देखा है जिंदगी में अगर होते