स्त्री लिखती है तो आकाश उतर आता है
स्त्री लिखती है तो लगता है पूरी प्रकृति और संवेदना की आत्मा तक को संवाद करने की राह मिल जाती है स्त्री जब लिखती है
स्त्री लिखती है तो लगता है पूरी प्रकृति और संवेदना की आत्मा तक को संवाद करने की राह मिल जाती है स्त्री जब लिखती है
चाहो तो जड़ देना ताले दुनियां भर की किताबों पर लेकिन नहीं बना सकते तुम ऐसी कोई दीवार जो पहरे बैठा दे मुझ पर मैं
शब्द से चेतना तक फैले हुए हैं हर तरफ नयन ही नयन नयनो की अपनी लिपि अपनी भाषा अपनी विधा अपनी सूक्तियां अपने दोहे अपनी
प्रातः स्मरणीय पूज्यपाद श्री सत्यमित्रानन्द जी ने उचित ही कहा है कि सन्यासी को सम्पत्ति निर्माण में रस आने लगे तो उसका सन्यास नष्ट हो
भूलना भी एक बेहतर आदत है साहब। सबकुछ याद रह जाना भी कोई अच्छी बात नहीं। दरअसल कुछ लोगों की स्मृति इतनी बढ़िया होती है
ईमानदार होने के मतलब अप्रयास अज्ञात हजार शत्रु उत्पन्न करना। ईमानदार होने का अर्थ अपने परिश्रम और ईश्वर के न्याय पर पूर्ण विश्वास रखना। ईमानदार
कुछ कहना है बहुत अरसे से बेताब हैं दिल कोई लफ्ज़ नहीं जो हिम्मतवर बनकर अपनी बात कह दे कोई संकेत नहीं जो नित्य मन
तमसो मा ज्योतिर्गमय तम से प्रकाश की और ले जाने की अभ्यर्थना । प्रकाश नैराश्य के विरुद्ध प्रबल उत्साह का संघोष है । मन का
तमन्नाएंहसरतें आरजुओं काकोई अंत नहींसंसारी,वीतरागीइससे अछूता कोई सन्त नहींएक के बाद एकनित नई अनेककामनाओं की कतार हैइस मामले में कोईकिनारें नहींसबके सब मझधार हैएक भी
विश्व को प्रेरणा प्रदान करने वाले भारत के दो ग्रंथ -श्रीमद भागवत गीता और रामायण में सारी समस्याओं के निदान,कठिनाइयों के समाधान और पुरुषार्थ से