सत्य
जिंदगी से जल्द जो हार मान जाते है सुख की दहलीज़ से वो पीछे छूट जाते है। रेत में मिल जाती तब उनकी खुशियाँ उठ
जिंदगी से जल्द जो हार मान जाते है सुख की दहलीज़ से वो पीछे छूट जाते है। रेत में मिल जाती तब उनकी खुशियाँ उठ
ज्ञान जहाँ से मिले छोड़ना मत स्वयं को इस राह पर कभी रोकना मत यू चौंकते क्यों हो बात सही है किताब और दुनिया देती