गुलशन पंवार
गुलशन पंवार

गुलशन पंवार

गुलशन पंवार का जन्म मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के आंबा गांव में 22, अक्टूबर 2001 को हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव और ननिहाल में हुई। इन्होंने बी.ए.(अंग्रेजी साहित्य) से किया। इनकी रचनाएं पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। युवा कवि और शायर ग़ज़ल और कविताएं लिखते हैं। Copyright@गुलशन पंवार/इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

कविताएँ

मैंने कविताओं को मरते देखा।उस वक्त देखा,जब यह अन्याय के खिलाफ लिखने की सोचती है ।हजारों बार तो यह रात कोसिरहाने बैठकर घंटों तक रोती

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जताने की ज़रूरत क्या है

प्यार करते हो जताने की ज़रूरत क्या हैहम पे मरते हो दिखाने की ज़रूरत क्या है हम तो ऑंखों से नशा कर ही चुके हैं

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रोटियाँ

लोरियाँ सुनने की इच्छा जागृत जब भी हुई,तब हमें रोटियों की भूख सताती रही।हमें चॉंद दिखाकर लोरियाँ मत सुनाओ,हमें आवश्यकता है सुरज ढलते ही रोटियों

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सृजन

यदि तुम्हें बीज मेंवृक्ष दिखाई देता है,तो तुम्हें चलते रहना चाहिए। तुम्हारे रास्ते में देहशंकु की भांतिकुछ ऐसी बाधाएं भी आएगी,जो तुम्हें विचलित कर देगी,मगर

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