अब कली कोई चुननी नहीं है
जब से बूंदे पड़ी आंखों की हैंतबसे दिल में नमी ही नमी हैमिल गया जब से मुझको ये सावनतब से मन में खुशी ही खुशी
जब से बूंदे पड़ी आंखों की हैंतबसे दिल में नमी ही नमी हैमिल गया जब से मुझको ये सावनतब से मन में खुशी ही खुशी
प्रेम द्र्वित ना हो जब दिल मेंमुखड़ा क्या देखे दर्पण मेंसुख देखे दूजे का कैसेभरी हुई ईर्ष्या जो मन मेंराज दिलों में छुपा के रखताभरी
रोज तूफानों से लड़कर मैं यहाबुझते दीपक को जलाता रहता हूंउठता मन में ज्वार भाटा जो मेरेउसमें ही दिन भर नहाता रहता हूंउड़ ना जाऊं
सूनापन एकांतवास एक बातें जैसी दिखती हैंसूनापन एकांतवास में बहुत भिन्नता होती हैएकांतवास तो जीवन का वरदान हमेशा होता हैसूनापन तो जीवन का अभिशाप हमेशा
गर तेरा भाव मेरे भावो में डूबा होतामाधुरी रात बनके दिल में उजाला होताकभी ना देखता मैं आसमां के चंदा कोदिल में चेहरा तेरा गर
जब हम का नशा दिल में छा जाएगासारा जीवन अधेरा सा हो जाएगाचाहे कितनी उसे रोशनी दो भलेदिल में फिर भी उजाला न कर पाएगाजब
मिला दिल दिल वही परिवारमिला ना दिल तो है बेकारविचारों में समझ सौहार्दसदा ही है सुखद परिवारएक घर अजनबी व्यवहारवही सदा बिखरा परिवारचाल धोखा और
दिलों में जिनके हूं अब तक दिलों में उनको रखूंगान निकलूंगा कभी दिल से निकलने उनको ना दूंगाचुराया दिल मेरा जिसने उसी का दिल चुराऊगासदा
झूठ मूठ के बहकावे सेदिल को अपने बचा के रखनाबहुत कठिन होती ये डगर हैकदम को अपने संभाल रखनातपन फिजाओं में अब बहुत हैंघुटन अंधेरे
भगाएं सभी सूनापन जिंदगी काचलो आज मिलकर के हम खेलते हैंये जीवन भी बन जाए सबका सुहानाचलो आज ऐसा जतन ढूढते है दिलों को दिमागो