ये कैसा नया साल है

न कोई उत्साह है,

न कोई उल्लास है ।

शीत के आक्रमण से,

तन मन सब बेहाल है ।।

ये कैसा नया साल है

ये कैसा नया साल है ।।

घर में बंदी हो गए,

बाहर बहुत तुषार है ।

जीव जंतु सब व्याकुल है,

एक पल न चैन करार है,

रवि भी अब मद्धम हुआ,

सिमट सा गया प्रकाश है,।।

हाथ पैर भी काम न करते,

अब हुआ अलाव से प्यार है ।।

ये कैसा नया साल है

ये कैसा नया साल है

पात पात पे ओस जमी है,

हर एक वृक्ष उदास है ।

पतझड़ भी है आने वाला,

है साख से पात टूटने वाला,

अब है साथ छूटने वाला,

इस बात का बहुत मलाल है ।।

ये कैसा नया साल है

ये कैसा नया साल है ।।

अंग्रेजों की इस परंपरा को,

हम हर्ष के साथ मनाते है ।

संवत् का कुछ ज्ञान नहीं,

नववर्ष है ये चिल्लाते हैं,

ये भी तो बड़ा कमाल है ।।

हम अंग्रेजों के साथ खड़े है,

अब कैसे कहें आजाद है ।

आजाद हिंद के लोग अभी तक,

इस सोच के अभी गुलाम है ।।

क्या अपनी संस्कृति हम भूल चुके,

बस इतना सा मेरा सवाल है ।।

ये कैसा नया साल है

ये कैसा नया साल है

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रचनाकार

Author

  • अनूप अंबर

    नाम : अनूप अंबर जन्म तिथि:01जनवरी 1991 पिता का नाम:राजेश कुमार पता: फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेशइनके नौ साझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं, पच्चीस अर्थलोगी प्रकाशित हो चुकी है, विभिन्न मंचों से 150 से अधिक सम्मान पत्र प्राप्त है, इनकी विभिन्न रचनाएं पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है,ये कई साहित्य पटलों पर सक्रिय है ।। Copyright@अनूप अंबर / इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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