होली रंगों का त्यौहार

होली रंगों का त्यौहार,

मिलकर सबको बांटे प्यार,

चलो रंगों में हम रंग जाएं रसिया।

चलने लगे जब-जब पूरवईया।

झूमने लगे प्यारी फूलों की कलियाँ।।

बूढ़े बच्चे हों या यार,

गाएँ होली की मनुहार,

चलो रंगों में हम रंग जाएं रसिया।

                         होली रंगों का ………..

हवा ये बसंती बहुत ही सुहानी।

बार-बार याद आती बातें पुरानी।।

हो करके सब तैयार, 

करते होली की जोहार,

बढ़ता इससे भाई चार

चलो रंगों हम रंग जाएं रसिया।

                        होली रंगों का ………..

रंगों की छाई चहूँ ओर खुमारी।

बच्चे खेलें ले – ले पिचकारी।।

मारे भर के गुलाल,

चुनरी करदें सबके की लाल,

चलो रंगों में हम रंग जाएं रसिया।

होली रंगों का त्यौहार,

मिलकर सबको बांटे प्यार,

चलो रंगों में हम रंग जाएं रसिया।                    

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रचनाकार

Author

  • जय तिवारी

    संक्षिप्त परिचय :- जन्म 10 सितम्बर 1988 को म0प्र0 के रीवा जिले से महज 10 कि0मी0 दूर एक छोटे से गाँव मे एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। शिक्षा:- एम0 ए0 अंग्रेजी साहित्य, बी0 एड0. रचनाएँ:- नंगा बादशाह से बड़ा, मोबाइल, मैं गाँव हूँ, मैं टाक बेचता हूँ, पर्यावरण न एक दिवस हो, पावस ऋतु, कुर्बान-ए-आजादी एवं अन्य बहुत सी रचनाएँ एवं 'जीवन चक्र' निबंध संग्रह। सम्मान:- वर्ष 2020 में 'काव्य सलिल' एवं 'हिंदी-श्री' सम्मान से सम्मानित। साहित्यिक योगदान:-देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से कविताओं का प्रकाशन।Mob.-9770468773. Copyright@जय तिवारी/इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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