हर हर महादेव शिवशंकर।
आशुतोष अव्यय अविनाशी।
दर्शन दो हवि, हे कैलाशी।।
महाकाल शितिकंठ कपाली।
बिल्वपत्र से शोभित थाली।।
गंगाजल से स्नान कराऊँ।
अक्षत सहित कपूर चढ़ाऊँ।।
भांग धतूरा अकवन चंदन।
दूध भस्म ले करता वंदन।।
लाया हूँ रुद्राक्ष कृपानिधि।
विनय सुनाऊँ दाता सब विधि।।
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