हमक़दम, हमदम न होगा

हमक़दम, हमदम न होगा

हौसला पर कम न होगा ।

तमतमाये तमस जितना

उजाला मद्धम न होगा ।

बालिए विश्वास – दीपक

संशयों का तम न होगा ।

आँसुओं से नहा डालें

मगर, पत्थर नम न होगा ।

वक़्त देता जख़्म भी पर

वक़्त-सा मरहम न होगा ।

आज हमने जी लिया है

हमें कल का ग़म न होगा ।

वो ग़ज़ल क्या ग़ज़ल जिसमें

दर्द का सरगम न होगा !

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रचनाकार

Author

  • डॉ रवीन्द्र उपाध्याय

    प्राचार्य (से.नि.),हिन्दी विभाग,बी.आर.ए.बिहार विश्वविद्यालय,मुजफ्फरपुर copyright@डॉ रवीन्द्र उपाध्याय इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है| इन रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है|

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