सब गरीब धनवान हैं-दोहें

सब गरीब धनवान हैं , सब धनवान गरीब ।

उल्टी पुलटी चीज़ सब , दुनिया बड़ी अजीब ।

उनकी हालत हो रही , अंतिम समय ख़राब ।

रायबहादुर का जिन्हे , पहले मिला खिताब ।

चल लहरों पे प्रीत की , चल नदिया के पार ।

वहां खुशी के बाग हैं , वहां सुकून अपार ।

मिल जायेगी आपको , प्रसिद्धी की हीर ।

परालोचना छोड़ कर , लम्बी करो लकीर ।

बाहुबली के वास्ते , क्या होटल क्या जेल ।

सरकारें हैं जेब में , कोर्ट कचहरी खेल ।

उसका तन कश्मीर सा , मेघालय से केश ।

उसके चहरे पर बसे , अरुणाचल प्रदेश ।

वक्त लगाएगा आ कर , जब ज़ख्मों पर लेप ।

उतरेगी आकाश से , तब खुशियों की खेप ।

सदाचार बरसा नहीं , अब के पड़ा अकाल ।

चहरे चहरे उग रहे , जलते हुए सवाल ।

मन वन में जब फैलती , राम नाम की गंध ।

प्राण तोड़ देते तभी , सांसों का तटबंध ।

इस जीवन के पार है , बंधन मुक्त समाज ।

वहां इंद्रियां सून हैं , ख़ुद पर ख़ुद का राज ।

कामुक नैना छोड़ते , जब ललचाते तीर ।

मन जा बैठे है तभी , वासनाअं के तीर ।

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रचनाकार

Author

  • कमलेश श्रीवास्तव

    कमलेश श्रीवास्तव पिता-श्री शिवचरण श्रीवास्तव माता-श्रीमती गीता देवी श्रीवास्तव जन्म तिथि- 14 अगस्त 1960,श्री कृष्ण जन्माष्टमी जन्म स्थान- सिरोज, जिला विदिशा, म.प्र. शिक्षा-एम.एससी.(रसायन शास्त्र) साहित्यिक गतिविधियाँ- आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हिन्दी उर्दू काव्य मंचों पर काव्य-पाठ| कृतियाँ/प्रकाशन- नवगीत संग्रह समांतर-3, गज़ल संग्रह "वक्त के सैलाब में" एवं गज़ल संग्रह "क्या मुश्किल है" का प्रकाशन सम्प्रति- शाखा प्रबंधक एम.पी. वेअर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन शाखा पचौरी, जिला-रायगढ़ में शाखा प्रबंधक के रूप में पदस्थापित| संपर्क सूत्र- 269"धवल निधि" बालाजी नगर,पचौर, जिला- रायगढ़, म. प्र.,पचौर 465683 मो-09425084542 email-kamlesh14860@gmail.comCopyright@कमलेश श्रीवास्तव / इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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