होता उसका जीवन निर्मल जिसकी सोच सही होती है
अगर सोच हो सकारात्मक जीवन में खुशियां भरती है
गलत सोच रखकर के मन में काम यहां जो करता है
दुख मय जीवन होता उसका सदा ही राह भटकता है
कर्म तुम्हारा गलत दिशा में आज अगर मुड जाएगा
धन दौलत को पाकर भी तू चिंतित ही रह जाएगा
कर्म करो तुम समय से पहले भाग्य से ज्यादा नहीं मिलेगा
हुआ अगर संतोष तुझे तो सब तुझको पर्याप्त मिलेगा
जितना मिला यहां तुझको गर् उतने में संतोष नहीं
पूरी दुनिया मिल जाए फिर भी यह जीवन सफल नहीं
मिला है जितना यहां पे तुझको उतने में खुश रहना सीखो
आसमान पर उडो नहीं तुम धरती पर ही जीना सीखो
संतोष त्याग कर लालच में ही आज अगर फस जाएगा
मन में त्रिष्णा भरेगी तेरे प्यासा ही रह जाएगा
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