शिव : एक अनुसरणीय जीवन

भोले भंडारी शिव सत्य सन्यासी,

सदा रहे ध्यान मगन शम्भू अविनाशी,

भूत-प्रेत गण शिव संग चलत हैं,

दीन हीन पद स्वारथ कर बनाते विश्वासी,

                            भिन्न बड़ा ही सरल प्रशंसनीय..!

                            शिव का जीवन है अनुसरणीय..!!

समुद्र मंथन से हू हू कर निकला हलाहल,

निगल जाने को धरती अम्बर आतुर ब्याकुल,

देव दानव कर रहे कर जोड़ नयन भर अश्रु,

धारण कर लिया कंठ में नीलकंठ हर हर शम्भू.,

                            भिन्न बड़ा ही सरल प्रशंसनीय..!

                            शिव का जीवन है अनुसरणीय..!!

 हा हा कार मचा धरती पर त्राहि माम की मची पुकार,

देख सके ना विपदा वसुधा की तुरंत लिया रौद्र रूप धार,

जल उठी त्रिनेत्र की ज्वाला भस्म करने को लिया अवतार,

पूरण करने काज प्रकट भये हनुमंत रूप धरा विस्तार,

                             भिन्न बड़ा ही सरल प्रशंसनीय..!

                            शिव का जीवन है अनुसरणीय..!!

चले ब्याहने गौरा को लिये भूत प्रेत की मंडली,

गले सर्पों की माला भाल चंद्र विराजे आभा संदली,

रोक लिया जटाओं में मां भगवती का अद्भुत वेग,

मृगछाल पहन भस्म रमाये दिखता मुखमंडल पर तेज,

                             भिन्न बड़ा ही सरल प्रशंसनीय..!

                            शिव का जीवन है अनुसरणीय..!!

हाथ त्रिशूल दूजे में लिये हुये हैं डमरू,

डम डम डम डम बाज रहा नाच रहे पैरों में घुंघरू,

बगड़ बम ब बम बगड़ बम ब बम से गुंजित हुई दिशायें,

हर हर महादेव की गूंज पथ निहार रहे लिये आशायें,

                         भिन्न बड़ा ही सरल प्रशंसनीय..!

                         शिव का जीवन है अनुसरणीय..!!

गौरा की सखियां गा रहीं हो कर मगन मंगलगान,

ऐसा अद्भुत ब्याह देखकर ब्रह्मांड भी हुआ हैरान,

ऊंच नीच का भेद नहीं है शिव सिखलाते यह ज्ञान,

प्रेम करो तो आत्मा से  मत करो देह पर अभिमान,

                             भिन्न बड़ा ही सरल प्रशंसनीय..!

                            शिव का जीवन है अनुसरणीय..!!

पीकर विष का प्याला उफ तक ना कंठ से निकाला,

कल्याण कारी सदाशिव जैसा दूजा ना कोई निराला,

शिव शक्ति एक दूजे के पूरक शिव बिन सब शव है,

जिसके रक्षक स्वयं शिव हों उसको फिर किसका डर है,

                             भिन्न बड़ा ही सरल प्रशंसनीय..!

                            शिव का जीवन है अनुसरणीय..!!

पूर्ण परिवार का संपूर्ण उदाहरण,

समाप्त होते जिन पर सारे शब्द व्याकरण,

उपमाओं की सीमा से अनंत दूरी पर विराजमान,

छवि देख स्वयं ही अधर पर छा जाती मुस्कान,

                            भिन्न बड़ा ही सरल प्रशंसनीय..!

                            शिव का जीवन है अनुसरणीय..!!

जगकल्याण कारी सदा करते सबका कल्यान,

वहां कभी जाना नहीं जहां ना मिले उचित मान,

माया से विमुख प्रेम से परिवार संग कैलाश विराजे,

गौरा जिनकी अर्धांगनी वो शिव अर्धनारीश्वर कहलाते,

                            भिन्न बड़ा ही सरल प्रशंसनीय..!

                            शिव का जीवन है अनुसरणीय..!!

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रचनाकार

Author

  • वंदना श्रीवास्तवा

    मैं वंदना श्रीवास्तवा भोपाल की निवासी हूं. मैं पेशे से फैशन डिजायनर हूं व कई समाजसेवी संस्थाओं के साथ जुड़ कर समाज सेवा का कार्य करती हूं. मझे २००से ज्यादा प्रमाणपत्र मिल चुके हैं मैं कई प्लेटफार्म पर लिखती रहती हूं. अब तक मेरी 4 एंथालाजी छप चुकी है. स्टोरीमिरर ,कलामंथन,गृहलक्ष्मी ,वनिता व अन्य कई ई पत्रिका में मेरे लेख व कवितायें छपते रहते हैं. साहित्य श्री का सम्मान साहित्य की दुनिया मंच द्वारा दिया गया है व ITIPAA में टाप 30 iconic Achiever Awardभी मिल चुका है व एक एंथालाजी को India book of record भी मिल चुका है. पता: D-58/3 ,nikhil nestles,nikhil bunglow ,hoshangabad road,jaatkhedi, bhopal ,madhya pradesh , 462024 Copyright@वंदना श्रीवास्तवा/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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