आज अंतिम चरण युद्ध का चल रहा
राम पर भारी रावण जब पढ़ने लगा
मारकर राम की सेना को आज तो
मद मे खोकरके रावण भी हंसने लगा
शक्ति की गोद में बैठकर राम से
आज रावण यहां युद्ध करने लगा
देखा निस्तेज शक्ति जो अपनी यहां
राम का मन भी विचलित सा होने लगा
देखा चिंतित सा चेहरा प्रभु राम का
सारी सेना का पौरुष भी घटने लगा
टूट जाओगे अंदर से यदि तुम प्रभु
फिर ना जीतोगे जामवंत कहने लगा
मेरी शक्ति न कुछ काम कर पा रही
मन भरे बोझ से राम कहने लगे
युद्ध रावण अकेले नहीं लड़ रहा
साथ में उसके शक्ति जो लड़ने लगी
शक्ति को शक्ति से जीत सकते हैं हम
उपासना शक्ति की तब राम करने लगे
जब किया शक्ति की पूजा नवरात्रि तक
राम को शक्ति की शक्ति मिलने लगी
करली अर्जित जो शक्ति प्रभु राम ने
शक्ति से आज शक्ति जो लड़ने लगी
धर्म की शक्ति को जब चलाया प्रभु
रावण की सारी शक्ति बिखरने लगी
जब चुभा वाण रावण की नाभि में तो
टूटा संयम भी रावण का अमृत यहां
जब धरा पर गिरा आज रावण यहां
राम जय घोष चतुर्दिक तब होने लगा
रचनाकार
Author
गिरिराज पांडे पुत्र श्री केशव दत्त पांडे एवं स्वर्गीय श्रीमती निर्मला पांडे ग्राम वीर मऊ पोस्ट पाइक नगर जिला प्रतापगढ़ जन्म तिथि 31 मई 1977 योग्यता परास्नातक हिंदी साहित्य एमडीपीजी कॉलेज प्रतापगढ़ प्राथमिक शिक्षा गांव के ही कालूराम इंटर कॉलेज शीतला गंज से ग्रहण की परास्नातक करने के बाद गांव में ही पिता जी की सेवा करते हुए पत्नी अनुपमा पुत्री सौम्या पुत्र सास्वत के साथ सुख पूर्वक जीवन यापन करते हुए व्यवसाय कर रहे हैं Copyright@गिरिराज पांडे/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |