यह युग छलिया ,प्रपंचों का है

राजनीति के राज विशेषज्ञ
तुम्हें कोई काम नहीं आएगा
सावधान! खुद को तैयार रखो
यह युग छलिया , प्रपंचो का है ।

इस युग में योग्यता का मोल नहीं
सब कुछ पैसों का खेल है
योग्यवान बकरे चराते फिरते हैं
अनपढ़ राज्य चलाता हैं

हर तरफ जुल्म का साम्राज्य है
हर तरफ खड़ा अन्याय है
तुम ये मत सोचना कि कभी
तुमसे उनको कोई है भय है

वे तुम्हें भिखारी बनाने के लिए
विचारधाराओं को हथियार बनाएगा
सावधान! खुद को तैयार रखो
यह युग, छलिया प्रपंचों का है।

जो योग्य होते वे भीख मांगते
फिरते हैं जनसमर्थन का
नहीं मिलता है फिर भी समर्थन
कोई मोल नहीं है अर्पण का

बड़े छल ,प्रपंच से ये दुनिया
पहनाती है अपराधियों को राजमुकुट
ईमानदार लोग हारे फिरते हैं
उन्हे नहीं मिलता है कोई भी छूट

मरते दम हार जाते हैं वे
उन्हें कुछ भी काम न आता है
गर्व से सर उठाने वाले
एक दिन सर छुपाया फिरता है

हो जाता है अपराधियों को राजतिलक
उन्हें राजकर्म सिखाया जाता
जो योग्य थे वे तो हार गए
उन्हें राजधर्म सिखाया जाता

वे तुम्हें बर्बाद करने के लिए
और भी शोर मचाएगा
सावधान! खुद को तैयार रखो
यह युग छलिया , प्रपंचों का है।

Facebook
WhatsApp
Twitter
LinkedIn
Pinterest

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

रचनाकार

Author

  • नवेंदु कुमार वर्मा

    जिला गया( बिहार) 824205. Copyright@नवेंदु कुमार वर्मा/इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

Total View
error: Content is protected !!