मैं बिखरता नहीं

मैं बिखरता नहीं अगर समेट लेते
खुद के सपनों में धक्का लगाने के काबिल तो रहता।

कदे प्यार मुझसे अगर तुम कर लेते,
मरते दम तक तुम्हारे हर दर्द को मै सहता।

मिला तो नहीं मिलने की कोशिश कर लेते,
रूका दर्द मेरा आसूंओं के जरिये ही बहता ।

तुम्हारी ही यादों में रहता हूँ हर पल,
अगर पास होते तो कुछ खास कहता।

मधुर वाणी वाले, आसूंओं को भी रोक लेते
हवा की तरह तुम्हारे चारो तरफ ही बहता।

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रचनाकार

Author

  • रोहित यदुवंशी

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