मैंने तुमको पाया जब से एक नया संसार मिला
रोम-रोम में खुशियां भर गई जब से तेरा प्यार मिला
रोज बसंती पवन चली चारों ओर खुशी का साज मिला
फूल ही फूल खिले दिल में कभी कांटो का ना ताज मिला
पग पग हरदम साथ चलें हम ऐसा तेरा साथ मिला
नहीं कभी गम मिला मुझे तो खुशियों का भंडार मिला
स्वच्छ धवल नित चांदनी जैसा मुझको सुख का धाम मिला
हरियाली छाई दिल मे और शीतलता का भाव मिला
भावो में जब डूबे दोनों भावों को विस्तार मिला
बातों में मिश्री घोली जब प्रेम का दिल संचार हुआ
नैनो में जब डूब गए तब सागर का एहसास हुआ
मुझको तो जीवन मे अब एक सच्चा सा इंसान मिला
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