खाली हाथ रह जाता हूं मैं
मिलती नही है माजिल
बदनाम हो जाता हूं मैं
मिलती नही है मंजिल।
इस दुनिया में हमारा
क्या औकात रहा ?
हार जाता हूं अक्सर
मिलती नही मंजिल ।
सोचता हूं हम मासूम
इस जहां में कौन पूछेगा ?
मजबूर मैं बदनाम हूं
मिलती नही है मंजिल।
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