तुम्हारे कर्म शामिल थे तुम्हारे गगन छूने में
महज एक भाग्य तेरा था ना तुझको पंख देने में
जमी तैयार की थी जब तुम्हारे कर्म फूलों की
तभी महका गगन सारा तुम्हारे मुस्कुराने में
हजारों पंख शामिल हो अगर ना हौसला दिल हो
सदा अक्षम रहेगा वह गगन पर उड़ के जाने में
अगर धरती को चूमोगे तभी आकाश पाओगे
अगर आधार छोड़ोगे तुम्हे रोकेगा जाने में
दिलों में अहम पालोगे डूब कर अपनी शोहरत पर
भले दीपक जले होंगे रहोगे तुम अंधेरों में
हंसाना सीख लोगे गर कभी तुम भी जमाने को
करेंगे सब मदद तेरी तुम्हारे मुस्कुराने में
महज अपने लिए जीना कोई जीना नहीं होता
भगाओ आज जाकरके जो गम बिखरे जमाने में
देख कर के जो कठिनाई अगर तुम हौसला तोड़े
निराशा साथ देगी तब तुम्हारे टूट जाने में
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