आओ आज जिंदगी की भूल हम सुधार ले
जो भरा है द्वेष मन में आज हम निकाल दे
सब की मुस्कुराहटों पे आज दिल निसार दे
कलियां जो खिली है दिल मे उसको अब सवार दे
कमियां जो मेरी है उसको आज हम निकाल दे
नेक काम करके अपना जीवन अब सुधार ले
कष्ट जो उठाए तूने उसको भी बिसार दे
नेक राह पर ही चलके जिंदगी सवार दे
प्यार दे के जिंदगी को प्यार से सवार दे
संघर्ष भरी जिंदगी है कर्म की तू धार दे
दूर होगी बाधा तेरी दूर होगे कष्ट सब
मन लगाकर जब पढ़ोगे कर्म की किताब को
जो बची है जिंदगी वो हंसके अब गुजार दो
क्या पता कि कौन सा पल जिंदगी की शाम हो
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