दौर मुसीबत कर्मों का फल
ईश्वर पर ही छोड़ दो
उम्मीद नहीं संसार से
केवल ईश्वर से ही जोड़ लो
तेरे हर प्रश्नों का उत्तर
खुद से ही मिल जाएगा
करके भरोसा कर्म पे अपने
भाव दिलों का तोल लो
दिख जाएगा कर्मों का फल
कर्म को अपने देख लो
जीवन का रस मीठा होगा
कर्म की मिस्री घोल लो
जीवन में कटुता ना आएगी
बातों में मिश्री घोल लो
मन हो जाए जिससे निर्मल
ऐसी वाणी बोल लो
प्रेम का बीज अंकुरित होगा
शुष्क ह्रिदय के खेत में
नफरत छोड़कर प्रेम का जब
भाव दिलों से जोड़ लो
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