भरत से पड़ा नाम भारत का,
हम उस भारत के रखवाले हैं।
अपनी पर जो यदि आ जाए,
तो हम इतिहास बदलने वाले है।।
हम वीर शिवा मतवाले है।
हम प्रताप के कर में शोभित,
रक्त से नहाए भाले है।।
हम शून्य बताने वाले है,
हम दुश्मन को मिटाने वाले है।
हम ही राम के कोडंड धनुष,
असुरों को मिटाने वाले हैं ।।
हम महाभारत रचाने वाले हैं,
हम अर्जुन केशव के पाले है ।
दुर्योधन को हनने का,
भीम संकल्प उठाने वाले है।।
हम शास्त्र के साथ साथ में,
हम शस्त्रों के भी ज्ञाता है ।
विनम्रता में श्री राम के जैसे,
क्रोध में परशुराम के लाले है।।
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